चुड़ैल वशीकरण साधना, भूत-प्रेतों की विभिन्न जातियों में एक चुड़ैल की है। इसके संबंध में तरह-तरह के किस्से कहानियां हैं। जैसे वे कौन होती हैं? कैसे बनती हैं? कितनी हानिकार है? वह क्यों भटकती रहती है? क्या उसे तंत्रिक साधना से वशीकरण किया जा सकता है और उससे मनचाहा कम करवाया जा सकता है? इत्यादी।
सदियों से चली आ रही मान्यता के अनुसार वैसी युवा औरत बन जाती है, जिसका यौन शोषण के बाद हत्या हो जाती है या फिर बच्चे को जन्म देत वक्त मर जाती है। संतान नहीं होने पर दुत्कारी जाने से आत्महत्या करने वाली औरत भी चुड़ैल बन जाती है।चुड़ैल वशीकरण साधना
इनमें यौन शोषण की शिकर वाली चुड़ैल सुनसान जगहों पर रहती है और अपनी मायाबी शक्तियों का इस्तेमाल कर रूपजाल में फंसा लेती हैं। इनका रूप घिनौना होता है, लेकिन सुंदर स्त्री का रूप भी धारण कर सकती है। उन्हें सिर्फ उनके उल्टे पैरों की वजह से पहचाना जा सकता है।
दरअसल यह शक्तियां जिन्हें हम भूत-प्रेत के नाम से जानते हैं असीम शक्तियों की मालिक होते हैं | उनकी जातियां भी अलग-अलग होती है | इन्हें प्रेत ,भूत ,चुड़ैल ,डाकिनी आदि नामों से भी पुकारा जाता है | इनकी सृष्टि कैसे होती है यह भी प्रश्न विचारणीय है | असल में सृष्टि में जिसकी उत्पत्ति हुई है उसका नष्ट होना भी निश्चित है | इसके बाद वह वापस उत्पन्न होता है और यह चक्र चलता रहता है | अगर इस प्रक्रिया से अलग कुछ होता है तो भूत प्रेत की उत्पत्ति होती है |
अब प्रश्न यह उठता है कि इन से ग्रसित व्यक्ति के लक्षण क्या होते हैं ? चलिए यह भी हम आपको बता दें —
# प्रेत पीड़ा से ग्रसित व्यक्ति रोता है | चीखता चिल्लाता है और इधर उधर भी भागता है | वह कर्कश वाणी बोलता है | उसे किसी की बात नहीं सुननी | वह सांस भी तीव्र स्वर से लेता है |
# पिशाच पीड़ा से पीड़ित व्यक्ति कटु शब्दों का प्रयोग करता है | वह कमजोर हो जाता है | उसके शरीर से दुर्गंध आती है | वह बहुत ही गंदा रहता है | ऐसा व्यक्ति नगां होने से भी नहीं घबड़ाता | वह अचानक से कभी कभी रोने लगता है | इन्हें एकांत पसंद है |
# चुड़ैल पीड़ा से व्यथित व्यक्ति हमेशा मुस्कुराता है | इन्हें मांस खाना पसंद होता
है |
# भूत पीड़ा से पीड़ित व्यक्ति गजब शक्ति का मालिक हो जाता है | उसकी आंखें लाल वर्ण की हो जाती | शरीर में कंपन होता है | ऐसा व्यक्ति विक्षिप्त व्यक्ति की तरह बात करता है |
जादू, टोना या भूत प्रेत बाधा से ग्रसित लोगों का जीवन दुखमय हो जाता है | अत: इसलिए इसका निवारण अत्यंत ही जरूर है | यहां पर हम आपके भूत प्रेत भगाने के उपाय बताने जा रहे हैं | ऊपरी बाधा निवारण उपायों को आजमाने से इन बाधाओं से मुक्ति पाई जा सकती है | ये उपाय हैं–
१) घोड़े के खुर का नख अश्विनी नक्षत्र में ले कर रखें | भूत प्रेत भगाने के लिए इसे अग्नि में डाल कर रोगी को धूनी दे दे |
२) दो सफेद अपराजिता तथा जावित्री के पत्ते का रस बना लें | डाकिनी -शाकिनी की बाधा दूर करने के लिए शनिवार या मंगलवार को इस रस का नस्य ले ले |
३) श्री बजरंगबली की प्रतिमा या चित्र के सामने बैठकर आस्था, पवित्रता और विश्वास के साथ भोजपत्र पर लाल रंग की स्याही या लाल चंदन से निम्नलिखित मंत्र लिखकर रोगी को ताबीज में धारण करा दे | मंत्र है -”ओम् हां हीं हूं हौं ह: सकल भूतप्रेत दमनाय स्वाहा |”
४) एक अन्य मंत्र है-”ओम ह्वीं क्लीं कंकाल कपालिनी कुंडबरी आडंबरी भंकार घ: घ: |” रविवार के दिन नीम की पत्ती वाली टहनी से इस मंत्र को पढ़ते हुए भूत प्रेत ग्रसित व्यक्ति को झाड़ा लगाए | इसके साथ ही साथ नीम की सूखी पत्तियों की धुनी दे | इससे इस कष्ट से निवारण मिल जाएगा |
५) ८ काली मिर्ची के दाने और ८ तुलसी पत्ते रविवार के दिन पवित्र होकर कपड़े में लपेटकर रोगी के गले में धारण कराने से प्रेत बाधा से अवश्य मुक्ति मिलती है |
वशीकरण या सम्मोहन को खत्म करने का उपाय ,” वशीकरण अथवा सम्मोहन विद्या ऐसा हथियार है जिसका सकारात्मक अथवा नकारात्मक परिणाम इस्तेमाल करने वाले की नीयत पर निर्भर करता है| तंत्र-मंत्र विज्ञान में वर्णित सम्मोहन अथवा वशीकरण विद्या भी लोक कल्याण हेतु ही विकसित किया गया था परंतु इसके गलत इस्तेमाल के कारण लोग वशीकरण ही नहीं तंत्र-मंत्र को भी गलत समझने लगे हैं| छोटी-छोटी समस्याओं के हल के लिए भी लोग वशीकरण का इस्तेमाल कर बैठते हैं जिसका सही उपयोग नहीं है| यदि बहुत ही जरुरी हो तभी वशीकरण मंत्र का प्रयोग करना चाइए| यदि किसी ने आपको वशीभूत कर रखा है और वो आपकी बात नहीं सुन रहा है तो हो सकता है की प्रभावशाली वशीकरण का प्रयोग उस पर हो रखा हो | यदि कोई भी साधक वशीकरण या सम्मोहन को खत्म करना चाहता है तो हमसे सलाह करे और अपने जीवन को सुखद बनाये |